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डेंगू बुखार

डेंगू बुख़ार एक दर्दनाक, शरीर को कमजोर करने वाली बीमारी हैं जो मच्छरों से होते  हैं। यह डेंगू से संबंधित चार वायरसों में से किसी एक की वजह से हो सकता है। ये सभी वायरस उसी वायरस समूह से संबंधित हैं जो वेस्ट नाइल इन्फेक्शन और पीले बुखार (पीत-ज्वर) का कारण होते हैं।

एक आकड़े के अनुसार दुनिया भर में हर साल कम से कम 4000 लाख डेंगू इन्फेक्शन के मामले होते हैं, जिसमें से 960 लाख मामले बिमारी में बदल जाते हैं। अक्टूबर 23, 2019 तक भारत में 67,000 लोगों को पूरे साल डेंगू बुखार हुआ| अधिकतर मामले उष्ण कटिबंधी क्षेत्रों से आते हैं जिनमें से सबसे ज्यादा खतरा निम्न प्रदेशों में रहता है:

  • भारतीय उपमहाद्वीप
  • दक्षिण-पूर्वी एशिया
  • दक्षिणी चीन
  • ताईवान
  • प्रशांत महासागर
  • कैरेबियन( क्यूबा और केमैन द्वीप के अलावा)
  • मैक्सिको
  • अफ्रीका
  • मध्य और दक्षिणी अमेरिका (चिली, पाराग्वे और अर्जेन्टीना के अलावा)

डेंगू बुखार डेंगू वायरस से संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटकर उनके खून से संक्रमित हो जाते हैं। यह सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलता।

डेंगू बुखार के लक्षण

डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमण के चौथे या छठे दिन से शुरू होकर 10 दिन तक रह सकता हैं। इनमें मुख्य हैं:

  • अचानक तेज बुखार
  • तेज सिरदर्द
  • आँखों के पीछे दर्द
  • जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द
  • थकान
  • मिचली होना
  • उल्टी
  • त्वचा पर चकत्ते निकल आना। ये बुखार होने के दो से पाँच दिन बाद हो सकता हैं।
  • हल्का रक्तस्राव (नाक, मसूड़ों और आसान आघात से)

कभी-कभी लक्षण मामूली होते है और इसे फ्लू या कोइ अन्य वायरल इन्फेक्शन आदि समझ लिए जाते हैं।  छोटे बच्चे और ऐसे लोग जिन्हें कभी इन्फेक्शन न हुआ हो, उन्हे दूसरों के मुकाबले हल्का संक्रमण होता है। हालांकि यह गंभीर समस्या में बदल सकता है। इसमें, रक्तस्राव के साथ डेंगू बुखार, एक दुर्लभ समस्या जिसमे तेज बुखार, लसिका तथा रक्त वाहिकाओं को नुक्सान, नाक और मसूड़ों से खून निकलना, यकृत का बड़ा होना और संचरण तंत्र का नाकाम हो जाना आदि समस्याएं आती हैं। ये लक्षण ज्यादा रक्तस्राव, शाॅक और मृत्यु में बदल सकता है।

इसे डेंगू शाॅक सिन्ड्रोम ( डी एस एस) कहते हैं।

कमजोर प्रतिरक्षी तंत्र वाले लोग और जिन्हें लगातार दूसरी बार डेंगू संक्रमण हुआ हो, उन्हे रक्तस्रावी डेंगू बुखार होने का खतरा ज्यादा होता है।

डेंगू बुखार का निदान

डाॅक्टर डेंगू संक्रमण को वायरस और एन्टीबाॅडीज का पता लगाने के लिए होने वाले रक्त जाँच द्वारा पहचान सकते हैं।

डेंगू बुखार का इलाज

डेंगू बुखार का इलाज करने के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। अगर आपको लगता है कि आपको डेंगू बुखार हुआ है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें| आपके डॉक्टर आपको एसिटामिनोफेन के साथ दर्द कम करने वाली दवाएं लेने को कह सकते हैं| एस्पिरिन जैसी दवाओं से बचना चाहिए क्योंकि यह रक्तस्राव को बढा सकता है। आपको आराम करना चाहिए और बहुत सारा तरल पदार्थ पीना चाहिए। अगर बुखार उतरने के बाद के 24 घंटे के दौरान आपको बुरा महसूस होता है तो तुरंत समस्याओं की जाँच के लिए अस्पताल जाना चाहिए।

डेंगू बुखार को रोकने के तरीके:

इस बिमारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि संक्रमित मच्छरों को रोका जाए, विशेषकर तब, जब आप उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में रह रहे हों या यात्रा कर रहे हों। इसमें आपकी सुरक्षा और मच्छरों की संख्या कम करने के उपाय शामिल हैं। 2019 में एफ डी ए ने 9 से 16 साल तक के बच्चों में डेंगू रोकने के लिए डेंगवैक्सिया नाम के टीके को मंजूरी दी है। पर सामान्य लोगों को डेंगू  संक्रमण से बचाने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।

सुरक्षा के तरीके :

  • मच्छर विकर्षक का प्रयोग घर में भी करें।
  • जब घर से बाहर हों तो लम्बी बाजू शर्ट और लंबे पैंट पहने जो मोज़े के अंदर दबे रहें।
  • अगर संभव हो तो घर पर एयर कंडिशनिंग का प्रयोग करें।
  • इस बात का ध्यान दें कि घर के सभी खिड़कियाँ और दरवाजे अच्छी पूरी तरह से ढँके हो और उनमें कोई छेद न हो।अगर सोने की जगह पर परदे या एयर कंडिशन ना हो तो मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • अगर डेंगू के लक्षण दिखें तो तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करें।
  • मच्छरों की संख्या कम करने के लिए, उन जगहों को खत्म करें जहाँ मच्छर पनप सकते हैं। इनमें पुराने टायर, केन, गुलदान और अन्य चीजें जिनमें बारिश का पानी इकट्ठा हो सकता है, आते हैं। चिड़िया और पालतू जानवरों के नहाने और पानी पीने के बर्तनों का पानी नियमित रूप से बदलें।

अगर आपके घर में किसी को डेंगू बुखार होता है तो  मच्छरों से खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। पीड़ित सदस्य को काटने वाले मच्छर अन्य सदस्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

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