हालांकि आधुनिक समाज मिर्गी को एक मेडिकल रोग समझता हैं, लोग अभी भी मिर्गी के बारे में कई अन्ध्विश्वासों को मानती हैं |
नवंबर मिर्गी जागरूकता माह है| राजाओं से लेकर भिखारियों तक, मिर्गी ने पूरे इतिहास में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। एक समय “द फॉलिंग डिजीज (गिरने वाली बीमारी) से जानने वाली इस बीमारी का कारण जादू टोने से लेकर तंत्र-मन्त्र ठहराया गया था।
भारत के अत्रि ऋषि और ग्रीस के हिप्पोक्रेट्स सहित कईं प्राचीन चिकित्सकों ने मिर्गी का अलौकिक घटनाओं के साथ सम्बंधित करने को चुनौती दी| दोनों ने स्वीकार किया कि मिर्गी से जुड़े दौरे मस्तिष्क के रोग का संकेत देता हैं। अपूर्व बुद्धि को मिर्गी से जोड़ने वाले ग्रीस के अरस्तु विश्व के पहले व्यक्ति थे।
मिर्गी से सम्बंधित कई अंधविश्वास कायम है| दुर्भाग्य से मिर्गी के शिकार लोगों को समाज में भेदभाव और पक्षपात का सामना करना पड़ता है। मिर्गी के बारे में कुछ अंधविश्वास नीचे दिए गए हैं, जिन पर लोग अभी भी विश्वास करते हैं और उन्हें समाप्त करने के लिए वैज्ञानिक तथ्य:
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अंध्विश्वास: मिर्गी संक्रामक है, या आप इसके साथ पैदा होते हों।
तथ्य: मिर्गी संक्रामक नहीं होता हैं और अक्सर बच्चों और युवा वयस्कों में ज्यादा दिखाई देती है, हालांकि किसी को भी कभी भी मिर्गी हो सकता है। यह आघात वाले मस्तिष्क के चोट का एक साइड इफेक्ट है, जो कार दुर्घटनाओं, गिरने, झगड़े या मस्तिष्क के जबरदस्त झटके से हो सकता है।
अंध्विश्वास: मिर्गी से पीड़ित लोग अक्षम हैं, गाड़ी नहीं चला सकते हैं और काम नहीं कर सकते हैं।
तथ्य: मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों में किसी और व्यक्ति की ही तरह पूरी क्षमता और बुद्धिमता होती है। कुछ लोगों को दौरे होते हैं और वह काम नहीं कर सकते हैं; अन्य लोग चुनौतीपूर्ण व्यवसायों में भी सफल और सक्षम हैं। दौरों से प्रभावित लोग जीवन के सभी क्षेत्रों और व्यवसाय, सरकार, कला और इत्यादि के सभी स्तरों पर पाए जाते हैं।
अंध्विश्वास: मिर्गी से पीड़ित लोग माता-पिता नहीं बन सकते।
तथ्य: मिर्गी होने से पुरुषों या महिलाओं की प्रजनन प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आती है। यह एक रोग है और अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है।
अंध्विश्वास: मिर्गी के पीड़ित दौरे पड़ने पर अपनी जीभ को निगल लेते हैं।
तथ्य: दौरों के वक्त व्यक्ति के मुंह में कुछ भी नहीं रखा जाना चाहिए। हालांकि शारीरिक रूप से जीभ को निगलना संभव नहीं है, अगर जीभ शिथिलीकृत हो जाता है, तो यह श्वास मार्ग को अवरुद्ध कर सकता है। इसलिए, व्यक्ति को अपनी पीठ के बजाय एक साइड पर करकर लिटाना चाहिए ताकि जीभ एक साइड में हो जाए और श्वास मार्ग में कोई अवरुद्धि ना हों।
अंध्विश्वास: जब दौरे पड़ रहे हो थो व्यक्ति को जकड़ के रखना चाहिए|
तथ्य: व्यक्ति को नियंत्रित करने की कोशिश ना करे ; इससे चोट लग सकती है। इसके बजाय, तेज-दरार या सख्त चीजें जिनसे चोट लग सकती हैं, उन्हें रास्ते से हटा दें और व्यक्ति के सिर के नीचे कुछ नरम रखें।
अंध्विश्वास: जब किसी व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं तो हमेशा एम्बुलेंस को कॉल करें।
तथ्य: जब तक दौरे 5 मिनट से अधिक समय तक ना हो, या एक के बाद एक दौरे ना हों, एम्बुलेंस को कॉल करने की आवश्यकता नहीं पड़ सकती हैं। ऐसी दवाइयाँ हैं जो लम्बे समय तक होने वाली दौरों को रुख सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर, दौरे का स्वय: रुकने की प्रतीक्षा करें।
अंध्विश्वास: आप किसी व्यक्ति भी व्यक्ति को दौरे से तुरंत निकाल सकते हैं|
तथ्य: दौरा स्वयं ही रुक सकता हैं, लेकिन कुछ स्तिथि में जब यह पांच मिनट से ज्यादा चलता हैं तो चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती हैं|
अंध्विश्वास: आज की दवा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी के साथ, मिर्गी का पूर्ण इलाज संभव हैं।
तथ्य: मिर्गी एक दीर्घकालिन रोग हैं जिसका कई लोगों में सफल इलाज किया जा सकता हैं। दुर्भाग्य से, इलाज सबके लिए लाभदायक नहीं होता हैं और इसके लिए अधिक अनुसंधान की सख्त जरूरत हैं|