आयुर्वेद के सबसे बहुमूल्य खाद्य पदार्थों में से एक, घी में अविश्वसनीय उपचारात्मक गुण होते हैं। हमारी दाल, खिचड़ी से लेकर हलवा और चपाती; घी एक किचन स्टेपल है जिससे हमारा मन कभी नहीं भरता हैं। विशेषज्ञों की माने तो घी की जगह वसा बढ़ाने वाले रिफाइंड तेलों से खाना बनाना आधुनिक रसोई की सबसे बड़ी भूल है। घी में फैट सॉल्यूबल विटामिन होते हैं, जो वजन घटाने में सहायता करते हैं। घी हार्मोन को संतुलित करने और स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घी का ताप बिंदू भी ज्यादा होता है, जिससे कोशिकाओं को नुक्सान पहुँचाने वाले फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकती हैं । । घी भैंस या गाय के दूध से बना साफ़ मक्खन होता है। शुद्ध देसी घी, गाय के दूध से बना घी होता है। इसमें विटामिन ए के अलावा ओमेगा -3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा में होती है। हमारी रसोई के अलावा घी सौंदर्य और बालों की देखभाल के अनुष्ठानों में भी एक प्रतिष्ठित स्थान पाता है।
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यहां जानिए घी के 9 फायदे जिन्हें आप नहीं जानते होंगे:
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आपको भीतर से गर्म रखने में मदद करता है
घी भारतीय सर्दियों का एक अभिन्न अंग है। आयुर्वेद के अनुसार, घी का सेवन आपको भीतर से गर्म रखने में मदद करता है; जिसकी वजह से शायद इस बड़े पैमाने पर सर्दियों की कई व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा, पिन्नी और पंजीरी।
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बंद नाक के लिए
जुकाम और भरी हुई नाक के बारे में कुछ भी अच्छा नहीं है। आपको साँस लेने में कठिनाई होती है; आपकी स्वाद पहचानने की क्षमता में बाधा आ जाती है, और सिरदर्द और थकावट को नहीं भूलना चाहिए। आयुर्वेद में एक दिलचस्प नाक की ड्रॉप का उपाय है जो बंद नाक में आराम लाने में मदद कर सकता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ इसे जुकाम के लिए न्यासा उपचार कहते हैं और इसमें सबसे पहले सुबह के समय नाक में गर्म शुद्ध गाय के घी की कुछ बूंदें डाला जाता हैं। ऐसा करने से तुरंत राहत मिल सकती है क्योंकि घी गले में नीचे तक पहुँच कर इन्फेक्शन को कम करता है। सुनिश्चित करें, घी शुद्ध हो और गुनगुने तापमान तक गर्म किया गया हो।
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ताकत का अच्छा स्रोत
घी ताकत का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मध्यम और लघु-श्रृंखला के फैटी एसिड होते हैं, जिनमें से, लॉरिक एसिड एक शक्तिशाली रोगाणुरोधी और एंटिफंगल पदार्थ है। गर्भावस्था में माताओं को अक्सर घी से भरा हुआ लड्डू दिया जाता है, क्योंकि वे ताकत से भरे होते हैं। पिन्नी एक और पंजाबी भोजन है, जिसे पूरे उत्तर भारत में सिर्फ स्वाद के लिए हीं नहीं, बल्कि इसकी ताकत बढ़ाने के गुणों के लिए भी पसंद किया जाता है।
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गुड़ फैट का स्रोत
क्या आप वजन घटाने की होड़ में हैं? आपने बहुत से लोगों से वजन घटाने के एक या दो सुजाव सुना होगा। और सबसे आम वजन घटाने के सुझावों में से एक जिसे हम सबने सुना है – फैट से बचें। वजन कम करने के लिए, आपने अपने आहार से सभी फैट के स्रोतों को खत्म करने पर विचार किया होगा। लेकिन ऐसा करने से आपको फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। फैट, कार्ब्स और प्रोटीन तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट हैं जो स्वस्थ जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। अपने आहार से किसी भी खाद्य समूह को हटाना वजन कम करने का एक स्थायी तरीका नहीं है। हालाँकि आपको जो करना चाहिए वोह हैं – खाने में बेहतर चुनाव। फ्राइज़, बर्गर और प्रोसेस किये जंक में शामिल सभी खराब फैट से बचें, और घी, एवोकाडो आदि के रूप में बेहतर विकल्प चुनें। घी ओलियेशन (कुछ समय के भीतर घी निगलना) के लिए सबसे पसंदीदा चीज़ों में से एक है। यह वास्तव में फैट सॉल्यूबल विषाक्त पदार्थों को कोशिकाओं से बाहर निकालने में मदद करता है और फैट के मेटाबोलिज्म को ट्रिगर करता है, एक ऐसी प्रक्रिया जिसे शरीर ऊर्जा के लिए अपने फैट को जलाना शुरू करता है।
5. आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है
घी ब्यूटिरिक एसिड के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है, जो इसे आंतों की दीवारों के स्वास्थ्य के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है। पेट की कोशिकाएं ब्यूटिरिक एसिड को अपने पसंदीदा ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करती हैं।
6. ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने के लिए इसे अपनी रोटियों पर लगाए
भारत में, चपातियों और पराठों के ऊपर घी लगाना एक आम बात है। ऐसा कहा जाता है कि चपातियों पर घी लगाने से चपाती का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कुछ मात्रा में कम हो सकता है, इसके अलावा यह अधिक नम और पचाने योग्य होता है। नवीनतम शोध कहते हैं कि लगभग 4 बड़े चम्मच तेल प्रति भोजन में सैचुरेटेड फैट की पर्याप्त मात्रा है, इसलिए सैचुरेटेड फैट का एक प्रतिशत घी जैसे स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। इसे घी के साथ मिलाकर चपाती को पचाना आसान किया जा सकता है|
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कब्ज को दूर रखता है
आपको मल त्याग में परेशानी हो रही है? घी आपके बचाव में आ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, दूध और घी कब्ज के लिए हल्के और प्रभावी उपाय हैं। एक या दो चम्मच घी एक कप गर्म दूध में रात को सोते समय लेना कब्ज से राहत देने का एक प्रभावी लेकिन सौम्य उपाय है।
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दिल के लिए अच्छा है
सभी फैट की तरह, घी भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने के लिए दोषी है। लेकिन आम धारणा के विपरीत, घी वास्तव में रिफाइंड तेल की तुलना में हृदय स्वास्थ्य के लिए ज्यादा सुरक्षित हैं। घी में मौजूद फैट हृदय रोग से उस तरह से जुड़ा नहीं होता है जैसे कि लॉन्ग-चैन फैटी एसिड्स होते हैं, क्योंकि वे सीधे शरीर द्वारा ऊर्जा के रूप में उपयोग किए जाते हैं और फैट के रूप में संग्रहित नहीं होते हैं| सैचुरेटेड फैट के स्रोत के रूप में घी का सेवन प्रतिदिन छोटी मात्रा में किया जा सकता है। बच्चे हर दिन अधिक मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि घी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए अच्छा हो सकता है।
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त्वचा के लिए लाभकारी
घी अनादि काल से विभिन्न सौंदर्य देखभालके तरीकों का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। इसके महत्वपूर्ण फैटी एसिड एक पौष्टिक एजेंट के रूप में कार्य करते हैं जो आपकी सुस्त त्वचा में जान फूंक सकता हैं। शुद्ध देसी घी गाय के दूध से बनता है और आपको मुलायम और कोमल त्वचा प्रदान करने में बेहद शक्तिशाली माना जाता है। घी सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त माना जाता है और इसमें महत्वपूर्ण फैटी एसिड भी होते हैं जो त्वचा की कोशिकाओं को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं।
कोमल और चमकती त्वचा के लिए सही घी फेस मास्क कैसे बनायें:
स्टेप्स:
- एक कटोरे में 2 बड़े चम्मच घी, 2 चम्मच बेसन या हल्दी और पानी मिलाएं। मिश्रण को अच्छी तरह सेहिलाएं।
- सुनिश्चित करें कि स्थिरता दृढ़ है, लेकिन सूखी नहीं है। यदि आपको मिश्रण बहुत पानीदार लगता है, तो इसमें बेसन या हल्दी मिलाएं।
- पेस्ट को अच्छे से मिलाएं और अपने चेहरे पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक रहने दें; इसे ठंडे पानी से धो लें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए सप्ताह में तीन बार दोहराएं।
तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? आज ही अपने घी का कैन ले आये। घर का बना घी तीन महीने तक आसानी से बाहर रखा जा सकता है। सुनिश्चित करें कि इसे सीधे सूर्य की किरणों से दूर रखा गया है और एक एयर-टाइट कंटेनर में संग्रहीत किया गया है।