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कोविड-19 वैक्सीन टीका

हर साल विश्व-भर में वैक्सीन अनगिनत बीमारियों से लाखों जाने बचाती है वैक्सीन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को तैयार कर, बीमारी पैदा करने वाले वायरस एवं बैक्टीरिया की पहचान कर, उनसे लड़ती है वैक्सीनेशन के बाद जब भी शरीर इन बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं के संपर्क में आता है तो वह उन्हें तुरंत मार कर हमे बीमार होने से बचाती है|

वर्तमान में विश्व-भर में कई सुरक्षित और कारगर वैक्सीन उपलब्ध है जो लोगों को कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने या मृत्यु से बचाती है| भारत में कोविशील्ड और कोवाक्सिन नाम से दो कोविड-19 के वैक्सीन उपलब्ध है| बहुत जल्द ही भारत में रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन भी उपलब्ध होगी| मास्क पहनने, हाथ के सफाई रखने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के अलावा वैक्सीन का टीका लगवाना कोविड-19 के रोकथाम का एक महत्वपूर्ण तरीका है| 

कोविड-19 वैक्सीन में से जो भी वैक्सीन आपको पहले उपलब्ध हो उसका टीका लगवाएँ| आपकी बारी आने पर जल्द-से-जल्द टीका लगवाना और किसी प्रकार का विलंब ना करना बहुत ही महत्वपूर्ण है| कोविड-19 के वैक्सीन गंभीर रूप से बीमार होने या मृत्यु से उच्च-स्तरीय सुरक्षा प्रदान करती है, हालांकि कोई भी वैक्सीन १००% कारगर नहीं होती| भारत में वैक्सीन लगाने के लिए आपको कोविन वेबसाइट या ऐप के द्वारा रजिस्टर कर उपयुक्त समय स्लॉट पर वैक्सीन लगाना चाहिए| 

कोविड -19 वैक्सीन का टीका किसे लगवाना चाहिए

भारत में 18 साल से ऊपर आयु का कोई भी व्यक्ति कोविड-19 के वैक्सीन का टीका लगा सकते हैं, भले ही उन्हें पहले से ही कोई अन्य बीमारी हो| इसमें उच्च रक्तचाप अथवा हाइपरटेंशन, डायबिटीज अथवा मधुमेह, अस्थमा, श्वसन, यकृत और गुर्दे की बीमारियां, अथवा किसी प्रकार का दीर्घकालीन इंफेक्शन जो स्थिर और नियंत्रित है शामिल हैं| 

अगर आप नीचे दिए गए किसी श्रेणी में आते हैं तो अपने डॉक्टर से वैक्सीन लगवाने से पूर्व सलाह ले:

  • आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है
  • आप गर्भवती है या स्तनपान कराती है
  • आपको एलर्जी है – खासकर किसी वैक्सीन से या उसमें शामिल किसी दवा से
  • आप शारीरिक रूप से दुर्बल है

बच्चों को अभी कोविड-19 का वैक्सीन नहीं लगवाना चाहिए| अभी तक के अध्ययनों के अनुसार बच्चों और किशोरों में कोविड-19 से बड़ों की तुलना में हल्की बीमारी होती हैं| हालांकि छोटे बच्चों को वैक्सीन तालिका के अनुसार अन्य वैक्सीन समय पर देते रहना चाहिए| 

वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद क्या करना चाहिए

जिस अस्पताल, डिस्पेंसरी या वैक्सीन साइट से आपने वैक्सिंग का टीका लगवाया है, कम-से-कम 15 मिनट वही रहे| यह इसलिए जरूरी है कि अगर वैक्सीन का कोई असामान्य रिएक्शन होता है तो स्वास्थ्यकर्मी आपकी मदद कर पाएंगे| 

यह सुनिश्चित करें कि आपको वैक्सीन का दूसरा डोस कब लगेगा| कोवाक्सिन और कविशील्ड दोनों ही वैक्सीन दो डोज़ में, कुछ दिनों के अंतराल पर दिए जाते हैं| वैक्सिंग का दूसरा डोज़ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाकर कोविड-19 से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सशक्त बनाती है| 

अधिकांश मामलों में साधारणत: वैक्सीन के टीके से हल्के साइड-इफ़ेक्ट देखे गए हैं| यह साइड-इफेक्ट सूचित करती है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कोविड-19 इंफेक्शन से लड़ने के लिए तैयार हो रही है| इन साइड-इफेक्ट में शामिल है:

  • कंधों पर दर्द
  • हल्का बुखार
  • थकावट
  • सिर दर्द
  • मांसपेशियां और जोड़ों का दर्द

अगर आपको इन साइड-इफेक्ट से कुछ दिनों में आराम नहीं मिलता तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें| 

कोविड-19 वैक्सीन के टीके से गंभीर एलर्जिक रिएक्शन होना असाधारण है लेकिन अगर आपको वैक्सीन के पहले डोज़ से गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हुआ है तो दूसरा डोज़ लेने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श करे|

कोविड-19 के साइड-इफेक्ट से बचने के लिए टीका लगाने से पहले पेरासिटामोल जैसी पेनकिलर लेने की आवश्यकता नहीं है| लेकिन वैक्सीन लेने के बाद दर्द, बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द इत्यादि साइड-इफेक्ट होने पर आप पेरासिटामोल या अन्य पेन किलर ले सकते हैं|

वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद भी कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त एहतियात बरतें

हालांकि कोविड-19 के वैक्सीन से गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचा जा सकता है फिर भी यह लगभग 70% से 80%  ही कारगर है और आप कोरोनावायरस से इनफेक्ट होकर दूसरों को भी इनफेक्ट कर सकते हैं| कोरोनावायरस जितना ज्यादा फ़ैलेगा, इस वायरस को म्यूटेट होने अथवा बदलने के उतने ही मौके मिलेंगे| 

कोविड-19 से बचाव के लिए नीचे दिए गए कार्यों का पालन करते रहे:

  • सोशल डिस्टेंसिंग – 2 गज की दूरी का पालन करें
  • हमेशा मास्क पहने
  • अपने हाथों की सफाई बार-बार करें
  • यदि कमरों में पर्याप्त वायु-संचार की व्यवस्था नहीं है तो घर के भीतर भी मास्क पहने