कोरोनावायरसकोविड़-19

कोरोनावायरस (कोविड-19 ) — आपके सभी सवालों के जवाब

कोरोनावायरस क्या है?

कोरोनावायरस एक बड़े वायरस परिवार का सदस्य है जो जानवरों और मनुष्यों को बीमार कर सकता है। इंसानों में कोरोना वायरस साधारण ज़ुकाम से लेकर अधिक गंभीर बीमारियाँ जैसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सीवियर एक्यूट स्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) जैसे श्वसन सम्बन्धी संक्रमण पैदा कर सकता है। हाल ही में पाया गया कोरोनावायरस, कोरोनावायरस बीमारी COVID-19 का कारक है।

कोविड़-19 (COVID-19) क्या है?

COVID-19, हाल ही में पाए गए कोरोनावायरस से होने वाली संक्रमण रोग है। यह नया वायरस और बीमारी दिसंबर 2019 में चीन के वूहान प्रदेश में शुरू हुए प्रकोप के पहले अज्ञात था। COVID-19 अब एक विश्वव्यापी बीमारी है जो कई देशों को प्रभावित कर  रही है।

कोविड़-19 (COVID-19) के लक्षण क्या हैं?

COVID-19 के साधारण लक्षण बुखार, सूखी खांसी और थकान हैं। अन्य लक्षण जो कम साधारण हैं तथा कुछ ही मरीज़ों में दिखते हैं वो हैं : बदन में दर्द, बंद नाक, सिरदर्द, कंजक्टिवाइटिस, गले में खराश और डायरिआ, स्वाद और सुगंध की क्षमता का नष्ट होना, त्वचा पर दाने अथवा हाथ और पैरों की उँगलियों के रंग में बदलाव। ये लक्षण सामान्यतः सौम्य होते हैं और धीरे-धीरे शुरू होते हैं। कुछ लोग संक्रमित हो जाते हैं लेकिन उनके लक्षण सौम्य होते हैं| 

अधिकतर लोग (करीब 80 %) बिना अस्पताल में उपचार के ही इस बीमारी से ठीक हो जाते हैं। हर 5 में से 1 व्यक्ति जो COVID-19 से संक्रमित हो जाता है, गंभीर रूप से बीमार हो सकता है और उसे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। अधिक उम्र के लोग या ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही उच्च रक्तचाप, दिल और फेफड़ों की बीमारी, मधुमेह या कैंसर है, उन्हें गंभीर रूप से बीमार होने का ज्यादा खतरा है| हांलाकि, COVID-19 किसी को भी हो  सकता है और कोई भी इससे गंभीर रूप से बीमार हो सकता है। सभी उम्र के लोग जिन्हे बुखार और/अथवा खांसी के साथ सांस लेने में कठिनाई या सांस फूलना, सीने में दर्द या दबाव, आवाज़ या चलने की क्षमता खो देना जैसी समस्या हो तो उन्हें  तुरंत अपने नज़दीकी अस्पताल जाना चाहिए। अगर हो सके तो डॉक्टर या अस्पताल को कॉल कर पहले से सूचित करे ताकि समय नष्ट ना हों| 

अगर मुझ में कोविड़-19 (COVID-19) के लक्षण दिखें तो क्या करना चाहिए और मुझे अस्पताल कब जाना चाहिए?

अगर आपको हल्के लक्षण जैसे हल्की खांसी या बुखार हो तो आपको चिकित्सा की जरूरत नहीं है। घर पर रहें , खुद को दूसरों से अलग कर लें और लक्षणों पर ध्यान दें। भारत सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी किये गए सेल्फ-आइसोलेशन के दिशा निर्देशों का पालन करें। 

हालांकि, अगर आप ऐसी जगह पर रहते हैं जहां मलेरिया और डेंगू बुखार हो तो यह जरूरी है कि आप बुखार के लक्षणों को नज़रअंदाज़ ना करें। तुरंत डॉक्टर की सहायता लें। जब आप अस्पताल जा रहें हों तो मास्क जरूर पहनें और अगर संभव हों तो दूसरों से एक मीटर की दूरी बनाये रखें और सतहों को हाथ से ना छुएँ। अगर कोई बच्चा बीमार है तो उसे इन सलाहों का पालन करने में उसकी सहायता करें। 

अगर आपको सांस लेने  में परेशानी या सीने में दर्द या दबाव महसूस हो रहा हों तो तुरंत अस्पताल जाएँ। अगर संभव हो तो अस्पताल को कॉल कर पहले से सूचित करे ताकि समय नष्ट ना हों|  

कोविड़-19 (COVID-19) कैसे फैलता है?

COVID-19, पहले से ही संक्रमित व्यक्तियों द्वारा फैलता है। यह बीमारी मुख्यतः किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने , छींकने या बोलने पर उसके मुँह और नाक से निकलने वाली छोटी बूँदों के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। ये बूँदें  सामान्यत: भारी होती हैं, दूर तक गमन नहीं कर पातीं और तुरंत सतह से चिपक जातीं हैं। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति, वायरस से संक्रमित व्यक्ति से निकले इन बूँदों को श्वसित कर लेता है तो उसे भी COVID-19 हो सकता है। इसीलिए दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाये रखना बहुत ज़रूरी है। ये बूँदें चीज़ों और सतहों, जैसे टेबल, दरवाज़े के हैंडल और हैंड रेल पर भी चिपक सकतीं हैं। इन सतहों को छूने के बाद जब लोग अपने आँख, नाक या मुँह को छूते के तो वह भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने हाथ नियमित रूप से साबुन और पानी से धोयें या अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइज़र से साफ़ करें। 

क्या कोविड़-19 (COVID-19) ऐसे व्यक्ति से फैल सकता है जिसमें कोई लक्षण ना दिख रहा हों?

कोविड -19 मुख्यतः किसी ऐसे व्यक्ति के नाक या मुँह से निकली बूँदों  से फैलता है जिसे खाँसी या अन्य लक्षण जैसे बुखार या थकान हो। कोविड -19 से संक्रमित कई लोगों में सिर्फ हल्के लक्षण ही नजर आते हैं, ख़ासकर बीमारी के शुरूआती चरणों में। कोविड -19 का  किसी ऐसे व्यक्ति से फैलना संभव है जिसे सिर्फ हल्की खाँसी हो और वह बिलकुल बीमार न महसूस कर रहा हो। 

कुछ रिपोर्ट दिखाते हैं कि ऐसे व्यक्ति भी वायरस फैला सकते हैं जिनमें कोई लक्षण ना दिख रहा हो| इसकी संभावना कितनी है यह अभी तक ज्ञात नहीं है।

अगर हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि कौन संक्रमित है तो हम खुद की और दूसरों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?

हाथों की सफाई और खासते, छीकते वक्त स्वछता का हर बार ध्यान रखना खुद की और दूसरों की कोविड-19 से सुरक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका है। जब भी संभव हो, अपने और दूसरों के बीच 1 मीटर की दूरी बना कर रखें। जब आप किसी खांसते या छींकते हुए व्यक्ति के पास खड़े  हों तो यह और भी जरूरी है। क्योंकि कुछ संक्रमित लोगों में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते अथवा बहुत सौम्य लक्षण हो सकते हैं, इसलिए अगर आप ऐसी जगह पर हों जहा संक्रमण फैला हुआ है, तो सभी लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखना सही तरीका है।

अगर मेे किसी कोविड़-19 (COVID-19) संक्रमित व्यक्ति के नज़दीकी संपर्क में आ गया तो क्या करना चाहिए?

अगर आप COVID-19 से संक्रमित किसी व्यक्ति के सीधे संपर्क में आते हैं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं। सीधे संपर्क का मतलब हैं बीमार व्यक्ति के साथ रहना या उससे 1 मीटर से कम दूरी के दायरे में होना। ऐसी स्थिति में घर पर रहना ही सबसे सही होगा। 

इसी तरह , अगर आप मलेरिया या डेंगू बुखार वाली जगह पर रहते हैं तो बुखार के लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।  तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। जब आप अस्पताल जाये तो मास्क जरूर पहनें। दूसरों से एक मीटर की दूरी बनाये रखें और सतहों को हाथ से ना छुएँ। अगर कोई बच्चा बीमार है तो उसे इन सावधानियों का का पालन करने में उसकी सहायता करें। 

अगर आप  मलेरिया या डेंगू बुखार वाली जगह पर नहीं रहते हैं तो नीचे दिए  गए निर्देशों का पालन करें:

  • अगर आप बीमार हों, तो हल्के लक्षण दिखने पर भी खुद को सेल्फ-आइसोलेट कर लें। 
  • अगर आपको नहीं लगता कि आप COVID-19 से संक्रमित हो सकते हैं और फिर भी लक्षण नजर आ रहे हों , तो खुद को सेल्फ-आइसोलेट कर लें और अपना निरीक्षण करें। 
  • इस बीमारी के शुरूआती चरणों में जब सिर्फ मामूली लक्षण नजर आ रहे हों, तब आपका दूसरों को संक्रमित करने की संभावनाएँ ज्यादा होती हैं। इसलिए शुरुआत में ही खुद को सेल्फ-आइसोलेट करना जरूरी है। 
  • अगर आप संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं पर आपको कोई  लक्षण नहीं है , फिर भी खुद को 14 दिन के लिए सेल्फ-आइसोलेट कर लें। 

अगर आपको COVID-19 हो गया है (टेस्ट द्वारा प्रमाणित होने पर ) तो लक्षणों के जाने के बाद भी एहतियात के लिए खुद को 14 दिन के लिए सेल्फ-आइसोलेट कर लें — क्योंकि इस बात का पक्का नहीं पता है कि लोग ठीक होने के बाद कितने दिनों तक संक्रामक रहते हैं| भारत और आपके राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

सेल्फ-आइसोलेट करने का मतलब क्या है?

सेल्फ-आइसोलेशन COVID-19  के लक्षणों वाले व्यक्ति के द्वारा समुदाय के अन्य लोगों एवं परिवारजनों को संक्रमण से बचाने के लिए लिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। 

जब बुखार,खांसी या COVID-19 के अन्य लक्षणों से पीड़ित कोई व्यक्ति घर पर ही रहता है और काम पर, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर नहीं जाता है तो उसे सेल्फ-आइसोलेशन कहते हैं। यह स्वेच्छा से या डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है। अगर आप मलेरिया या डेंगू बुखार वाली जगह पर रहते हैं तो बुखार के लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए| तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। जब आप अस्पताल जाए तो मास्क जरूर पहनें। दूसरों से एक मीटर की दूरी बनाये रखें और सतहों को हाथ से ना छुएँ। अगर कोई बच्चा बीमार है तो इन सलाहों का पालन करने में उसकी सहायता करें।

अगर आप  मलेरिया या डेंगू बुखार वाली जगह पर नहीं रहते हैं तो नीचे दिए  गए निर्देशों का पालन करें:   

-अगर कोई व्यक्ति सेल्फ-आइसोलेशन में है तो ऐसा इसलिए क्योंकि वह बीमार है पर गंभीर रूप से नहीं (जिसके लिए अस्पताल जाने की ज़रुरत हैं) 

  • किसी बड़े, हवादार और अलग कमरे में रहें जिसमें हाथ की सफाई और शौचालय की सुविधा हो
  • अगर ऐसा संभव न हो तो बिस्तरों  को एक दूसरे से कम-से-कम 1 मीटर की दूरी पर रखें
  • दूसरों से 1 मीटर की दूरी बनाए रखें ,यहाँ तक कि परिवारजनों से भी
  • रोज अपने लक्षणों का निरीक्षण करें
  • अगर आप स्वस्थ महसूस कर रहें है तब भी 14 दिन के लिए अलग रहें
  • अगर सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत अपने नज़दीकी अस्पताल से संपर्क करे – अगर संभव हो तो उन्हें पहले से फ़ोन कर लें। 
  • सकारात्मक बने रहें , अपने प्रियजनों से फोन पर या ऑनलाइन ही संपर्क रखते हुए और घर पर खुद ही व्यायाम करते हुए ऊर्जावान बने रहें।

अगर मुझे ऐसा लगता है कि कोविड़-19 (COVID-19) से मेरा संपर्क हुआ हैं, पर कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे, तो मुझे क्या करना चाहिए? सेल्फ-क्वारेंटीन करने  का मतलब क्या है?

सेल्फ- क्वारेंटीन करने  का मतलब है खुद को दूसरों से अलग रखना क्योंकि आप किसी COVID-19  से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, हालांकि आपको खुद में कोई लक्षण नहीं दिख रहे। सेल्फ- क्वारेंटीन के दौरान खुद में लक्षणों का निरीक्षण करें। सेल्फ- क्वारेंटीन का लक्ष्य संक्रमण को फैलने से रोकना है। चूँकि, COVID-19 से संक्रमित लोग आसानी से दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं, इसलिए सेल्फ- क्वारेंटीन कुछ हद तक संक्रमण फैलने से रोक सकता है।

ऐसी स्थिति में :

  • किसी बड़े, हवादार और अलग कमरे में रहें जिसमें हाथ की सफाई और शौचालय की सुविधा हो
  • अगर ऐसा संभव न हो तो बिस्तरों के बीच कम से कम 1 मीटर की दूरी रखें 
  • दूसरों से 1 मीटर की दूरी बनाए रखें ,यहाँ तक कि परिवारजनों से भी 
  • रोज अपने लक्षणों का निरीक्षण करें 
  • अगर आप स्वस्थ महसूस कर रहें है तब भी 14 दिन के लिए सेल्फ-क्वारंटाइन करें 
  • अगर सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत नज़दीकी अस्पताल जाएँ – अगर संभव हो तो उन्हें पहले से फ़ोन कर लें
  • सकारात्मक बने रहें , अपने प्रियजनों से फोन पर या ऑनलाइन ही संपर्क रखते हुए और घर पर खुद ही व्यायाम करते हुए ऊर्जावान बने रहें।

हालांकि, अगर आप किसी मलेरिया या डेंगू बुखार वाली जगह पर रहते हैं तो बुखार के लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।  तुरंत चिकित्सीय सहायता लें। अस्पताल जाते वक्त मास्क जरूर पहनें। दूसरों से एक मीटर की दूरी बनाये रखें और सतहों को हाथ से ना छुएँ। अगर कोई बच्चा बीमार है तो इन सलाह का पालन करने में उसकी सहायता करें। 

सेल्फ-आइसोलेशन, सेल्फ-क्वारेंटीन और डिस्टेंसिंग में क्या अंतर है?

क्वारेंटीन का मतलब है अपने गतिविधियों को रोक देना या उन लोगों को अलग कर देना जो बीमार नहीं हैं पर COVID-19  संक्रमित से संपर्क में आये हो। इसका लक्ष्य इस बीमारी को फैलने से रोकना हैं जब लोगों में लक्षणों का आरम्भ हो ही रहा हो। 

आइसोलेशन का अर्थ है उन लोगों को अलग कर देना जिनमें बीमारी के लक्षण हैं या संक्रमित हैं ताकि इस बिमारी को फैलने से बचा सकें। 

फिजिकल या सोशल डिस्टन्सिंग का अर्थ है शारीरिक तौर पर अलग होना। WHO दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखने की सलाह देता है। यह एक साधारण कदम है जो उन लोगो को भी लेना चाहिए जो COVID-19  संक्रमित से संपर्क में नहीं आये हैं  और पूरी तरह से स्वस्थ हैं। 

क्या बच्चों और किशोरों को भी कोविड़-19 (COVID-19) हो सकता है?

शोध से पता चलता है कि बच्चों और किशोरों में  इस बीमारी के होने की संभावना किसी अन्य उम्र  समूह के जितनी ही है तथा उनसे भी यह बीमारी फैल सकती है। अब तक मिले प्रमाण सुझाते हैं कि बच्चे और किशोरों में यह बीमारी कम गंभीर होती है, लेकिन गंभीर मामले इस उम्र समूह में भी हो सकते हैं। 

अगर लक्षण नजर आ रहे हों या संपर्क में आये हो तो बच्चों और किशोरों को भी सेल्फ-आइसोलेशन और  सेल्फ-क्वारेंटीन के नियमों का पालन करना चाहिए। बच्चों का, वृद्ध और ऐसे लोगों से जिन्हें ज्यादा गंभीर बिमारी का खतरा हो, से संपर्क से बचना विशेष रूप से जरूरी है। 

मैं खुद को कोविड़-19 (COVID-19) से कैसे बचा सकता हूँ और इस बीमारी के फैलने को कैसे रोक सकता हूँ?

WHO  की वेबसाइट पर दिए गए और भारत सरकार एवं आपके राज्य की सरकार द्वारा जारी किये गए नवीनतम दिशा-निर्देशों का पालन करें| विश्व के अधिकतर देश COVID-19 के मामले देख चुके हैं और उनमें से कई इसका प्रकोप भी झेल रहें हैं। चीन और कुछ अन्य राज्यों के अधिकारी इस प्रकोप को धीमा करने में सफल हुए है। फिर भी, स्थिति अप्रत्याशित है इसलिए ताजा ख़बरों पर नज़र बनाये रखे।

कुछ साधारण सावधानियाँ बरतकर आप COVID-19 के संक्रमण की संभावना को या इसके फैलने को रोक सकते हैं :

  •  नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से धोयें या एक अल्कोहल-युक्त हैंड सैनिटाइज़र से साफ़ करें। ऐसा क्यो? क्योंकि साबुन और पानी या अल्कोहोल युक्त हैंड सैनिटाइज़र आपके हाथों में मौजूद वायरस को मार देते हैं| 
  •  अपने और  दूसरों के बीच कम से कम 1 मीटर (3 फीट ) की दूरी बना कर रखें। ऐसा क्यों ? क्योंकि, जब कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके नाक और मुँह से छोटी-छोटी बूँदें निकलती  हैं जिनमे कोरोना वायरस हो सकता है। अगर आप संक्रमि व्यक्ति के  ज्यादा करीब होंगें तो आप यही कोविड -19 से युक्त बूंदें श्वास से अंदर खींच सकते हैं 
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। ऐसा क्यों ? क्योंकि, भीड़- भाड़ वाली जगहों पर जब लोग एक -दूसरे के करीब होते हैं, आपकी, कोविड -19 से संक्रमित व्यक्ति के करीब होने की सम्भावना बढ़ जाती है और 1 मीटर (3 फीट ) की शारीरिक दूरी बनाये रखना मुश्किल हो जाता है। 
  • आँखें, नाक और मुँह को छूने से बचें। ऐसा क्यों ? क्योंकि, आपका हाथ कई सतहों को छूता है और वायरस के संपर्क में आ सकता है। एकबार दूषित होने पर वायरस आपकी आँखों , नाक और मुँह में जा सकता है। वहाँ से यह आपके शरीर में प्रवेश कर आपको संक्रमित कर सकता है। 
  • अपने और अपने आस पास के लोगों के श्वसन स्वच्छता का ध्यान रखें। यानि कि , खाँसते या छींकते समय अपने मुँह और नाक को मुड़ी हुई कोहनियों या टिशू से ढंकें। इसके तुरंत बाद टिशू को नष्ट कर दें और हाथ धो लें। ऐसा क्यों? क्योंकि, ड्रॉप्लेट्स या द्रव कणों से वायरस फैलता है। उत्तम श्वसन स्वच्छता का ध्यान रखकर आप अपने आस पास के लोगों को कोल्ड, फ्लू और कोविड – 19 जैसे वाइरसों से बचा सकते हैं। 
  • घर पर रहें और खाँसी, सिरदर्द और हल्का बुखार जैसे मामूली लक्षणों  के भी दिखाई देने पर खुद को सेल्फ-आइसोलेट कर ले जब तक आप ठीक  नहीं हो जाते। आपकी ज़रूरत की चीज़ें दूसरों से मँगा लें। अगर घर से बाहर जाना पड़े तो दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए मास्क जरूर पहनें।  ऐसा क्यों? क्योंकि, दूसरों के संपर्क में ना आने से उन्हें कोविड – 19 और अन्य वायरस संक्रमण से बचाया जा सकता है। 
  • अगर आपको खाँसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ़ है तो अस्पताल जाएँ, लेकिन पहले अस्पताल में  कॉल कर लें और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। ऐसा क्यों? क्योंकि, केंद्रीय और राज्य के स्वास्थ अधिकारी आपके प्रदेश की  सामयिक स्थिति से अवगत होंगे| पहले से ही फ़ोन कर देने से आपके स्वास्थ्य कर्मी को सलाह एवं सही स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने में आसानी होगी और वायरस एवं अन्य संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। 
  • विश्वसनीय स्रोतों जैसे WHO की वेबसाइट और केंद्रीय और राज्य के स्रोतों से तात्कालिक परिस्थितियों की जानकारी लेते रहें। ऐसा क्यों ? क्योंकि, केंद्रीय और राज्य सरकार, आपके क्षेत्र में संक्रमण से बचने के सबसे सही सलाह दे सकते हैं| 

क्या कोविड़-19 (COVID-19) का कोई उपचार, दवा या वैक्सीन है ?

हालांकि, कुछ पश्चिमी ,पारम्परिक या घरेलू नुस्के आराम पंहुचा सकती हैं या COVID-19 के सौम्य लक्षणों को ख़त्म कर सकती हैं , पर अभी तक कोई ऐसी दवा नहीं मिली है जो COVID-19 को ठीक कर सके या उसे रोक सके। WHO, COVID-19 के उपचार या रोकथाम के लिए एंटीबायोटिक  समेत किसी भी दवा का रोगी द्वारा स्वयं उपचार की सलाह नहीं देता। हालांकि, कई पश्चिमी और पारम्परिक दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल अभी जारी है। WHO, COVID-19 के इलाज और रोकथाम के लिए वैक्सीन एवं दवा बनाने की कोशिशों में सहयोग कर रहा है|  

खुद को और दूसरों को COVID-19 से बचाने के सबसे प्रभावी तरीके हैं :

  • अपने हाथों को नियमित रूप से और अच्छी तरह साफ़ करें 
  • अपने आँख, मुँह और नाक छूने से बचें
  • खाँसते वक्त हाथ की मुड़ी हुई कोहनियों या टिशू से ढंकें। टिशू के इस्तेमाल के बाद उसे तुरंत नष्ट कर दें और हाथ धो लें। 
  • दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बना कर रखें। 

कोविड़-19 (COVID-19) से सम्पर्क होने के बाद लक्षणों के दिखने में कितना वक्त लगता है?

COVID-19 से  सम्पर्क होने और लक्षणों के शुरू होने के बीच सामान्यतः पांच से छह दिन लगते हैं, पर यह 1 -14 दिनों के बीच तक भी हो सकता है। 

कोविड़-19 (COVID-19) और जानवरों  के बीच क्या सम्बन्ध है?

COVID-19 एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलता हैं। हमें पहले से ही कोरोना वायरस परिवार के अन्य कई वायरसों के बारे में काफी जानकारी हैं और इनमें से कई वायरसों की उत्पत्ति जानवरों से हुई है। COVID-19 (जिसे SARS-CoV-2 से भी जाना जाता हैं ) इंसानों में एक नया वायरस है। COVID-19 के सम्भावी जानवर स्रोत की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, पर शोध जारी है। 

क्या मुझे मेरे पालतू जानवर से COVID हो सकता है?

संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये कई कुत्तों और बिल्लियों (घरेलू बिल्लियों और बाघ ) को जाँच में  COVID-19 पॉज़िटिव पाया गया है। साथ ही, फेर्रेट (नेवलों की जाती का एक जानवर) में भी संक्रमण होने का अंदेशा है। प्रायोगिक स्थितियों में बिल्ली और नेवले दोनों ही अपनी प्रजाति के दूसरे जानवरों को संक्रमित करने में सक्षम पाए गए हैं, पर इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि ये जानवर इंसानो में इस बीमारी को फैला सकते हैं और COVID-19 के फैलने में इनकी कोई भूमिका है। COVID-19 मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने से निकलने वाली ड्रॉप्लेट्स अथवा द्रव कणों से फैलता है।

फार्मों पर पलने वाले मिंक भी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं| ऐसा संभव हैं कि इन्हे फार्म पर काम करने वाले लोगों ने संक्रमित किया हों| कुछ स्तिथि में इन संक्रमित  मिनकों ने मनुष्यों को संक्रमित किया| यह जानवरों से मनुष्यों में कोरोनावायरस संक्रमण के पहले रिपोर्ट किये गए मामलों में से हैं|  

फिर भी इस बात की सलाह दी जाती है की जो लोग COVID-19 से बीमार हैं और जिन्हे इसका खतरा है वे अपने साथी एवं जानवरों के साथ संपर्क को सीमित रखें। जानवरों की देख-रेख करते समय मूलभूत सफाई और स्वछता का हमेशा ध्यान रखें। इसमें, उनका भोजन या सामान छूने के बाद हाथ धोना और चुम्बन, चाटना या भोजन साथ करने से बचना शामिल हैं। 

वायरस सतहों पर कितनी देर तक ज़िंदा रह सकता हैं?

सतहों पर रहने वाले कोरोनावायरस के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि  साधारण घरेलू डिसइंफेक्टेंट से सफाई कर इस वायरस को आराम से मारा जा सकता है। अध्ययन बताते हैं कि COVID-19 वायरस प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर 72 घंटे तक, ताम्बे पर 4 घंटे से कम समय तक और कार्डबोर्ड पर 24 घंटे से कम समय तक रह सकता है। 

इसलिए, नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से या अलक्होल युक्त हैंड सैनिटाइज़र से हाथ साफ़ करे। अपने आँख, नाक और मुँह को छूने से बचें। 

कोविड-19 (COVID-19) के समय में दैनिक उपयोग के चीजों की ख़रीददारी कैसे करें? 

दैनिक उपयोग के चीजों की ख़रीददारी करते समय दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाएं रखे और अपने आँख,नाक, और मुँह को छूने से बचें। अगर संभव हो तो ख़रीददारी करने से पहले शॉपिंग ट्रॉली या टोकरी के हैंडल को सैनिटाइज कर लें। घर आने पर हाथों को अच्छी तरह धोएं और खरीदे हुए सामान को उनकी जगह पर रख देने के बाद भी ऐसा ही करें। अभी तक भोजन या उसके पैकेट से संक्रमण के फैलने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। 

फल और सब्जियों को कैसे धोये ?

फल एवं सब्जियां स्वास्थ्यवर्धक भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। किसी भी परिस्थिति में उन्हें और सामान जैसे ही साफ़ करें: उन्हें छूने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से साफ़ कर लें। उसके बाद फलों और सब्जियों को साफ़ पानी से अच्छे से धो लें, विशेषकर अगर आप उन्हें कच्चा खा रहे हों। 

क्या एंटीबायोटिक्स कोरोनावायरस के रोकथाम एवं उपचार के लिए प्रभावी हैं?

नहीं , एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिआ के लिए प्रभावी है, वायरस के लिए नहीं। COVID-19 वायरस से होता है।  इसलिए, एंटीबायोटिक्स का उपयोग इसके उपचार या रोकथाम के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अस्पतालों में डॉक्टर कभी-कभी मरीज़ों में गंभीर COVID-19 संक्रमण की जटिलताओं के फलस्वरूप होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन के इलाज या रोकथाम के लिए एंटीबायोटिक इस्तेमाल कर सकते हैं| यह केवल डॉक्टर के निर्देशानुसार ही बैक्टीरियल इन्फेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल करना चाहिए| 

क्या मुझे किसी संक्रमित व्यक्ति के मल से कोविड़-19 (COVID-19) हो सकता है ?

हालांकि शुरुवाती जांच से मल में वायरस के होने की सम्भावना प्रकट की गयी, अभी तक मल से COVID-19 के फैलने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। साथ ही, COVID-19 वायरस के पानी या वाहित मल  में जीवित रहने का भी कोई प्रमाण नहीं मिला है।