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हाई ब्लड प्रेशर — लक्षण, कारण और रोकथाम

हाई ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर या रक्तचाप क्या है?

जैसा कि आप जानते हैं, आपके शरीर के हर अंग को खून की ज़रूरत होती है। जब आपका दिल धड़कता है तो यह धमनियों (आर्टरीज़) के ज़रिए खून को शरीर के हर हिस्से तक पहुँचाता है।  बहता हुआ खून आपकी धमनियों की दीवारों पर जो दबाव पैदा करता है, उसे रक्तचाप या ब्लड प्रेशर कहते हैं।

 

ब्लड प्रेशर कैसे नापा जाता है?

आपका दिल सामान्यत: 1 मिनट में 60 से 100 बार तक धड़कता है और हर धड़कन के बीच में एक ऐसा पल होता है जब दिल शांत होता है। हर धड़कन पर आपकी धमनियों में खून जो दबाव पैदा करता है उसे सिस्टोलिक (Systolic ) ब्लड प्रेशर कहते हैं और धड़कनों के बीच, जब दिल शांत होता है, तब आपकी धमनियों में जो दबाव बना रहता है उसे डायास्टोलिक (Diastolic) प्रेशर कहते हैं। ब्लड प्रेशर को नापने की इकाई होती है ‘मिलीमीटर्स ऑफ मेरकुरी’ (millimeters of mercury)।  सामान्य तौर पर इंसानों का रक्तचाप 120/80 mmHg से कम होता है। इसका मतलब है कि सामान्यत: आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 और डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 के नीचे रहता है।

 

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर किसे कहते हैं?

आप पूरे दिन में जिस तरह के काम करते हैं उसके मुताबिक आपका ब्लड प्रेशर बदलता रहता है। लेकिन अगर आपका ब्लड प्रेशर लगातार सामान्य से ऊपर रहता है, तो डॉक्टर इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। पर सवाल यह उठता है कि रक्तचाप सामान्य से कितना ऊपर उठने पर यह मान लें कि आपको हाई ब्लड प्रेशर है? अगर किसी का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर लगातार 120 और 139 के बीच और डायस्टालिक ब्लड प्रेशर 80-89 के बीच रहता है, तो उन्हें हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा है। यदि रक्तचाप 140/90 mmHg या उससे ऊपर रहता है तब यह माना जाता है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है।

 

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण क्या हैं?

अकसर ऐसा होता है कि एक इंसान बिना किसी लक्षण के सालों तक हाई ब्लड प्रेशर का मरीज़ रहता है। इसलिए इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। लगातार अपना ब्लड प्रेशर चैक करवाना के आलावा हाई ब्लड प्रेशर का पता लगाने का कोई और भरोसेमंद तरीका नहीं है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण सिर्फ तब नज़र आने लगते हैं जब ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। इनमें से कुछ लक्षण हैं तेज़ सिरदर्द, बहुत ज़्यादा थकान, घबराहट, छाती में दर्द इत्यादि। लेकिन इन लक्षणों का इंतज़ार करने से बेहतर होगा कि आप लगातार अपने ब्लड प्रेशर की जाँच करते रहें और अगर यह पाया जाता है कि आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो तुरंत इसे रोकने के उपाय अपनाएँ।

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क्यों होता है ब्लड प्रेशर हाई?

वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं। अकसर एक बड़ा कारण होता है लोगों की जीवनशैली। अगर आप शारीरिक तौर पर निष्क्रिय हैं या बहुत कम सक्रिय हैं, यानी आप दिन-भर बैठे रहते हैं, बहुत कम चलते-फिरते हैं या बहुत कम व्यायाम करते हैं, तो हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मोटापा और मधुमेह भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।

 

हाई ब्लड प्रेशर से क्या नुकसान हो सकता है?

अगर सही समय पर इसकी रोकथाम न की जाए, तो आपके सेहत को इससे काफी नुकसान हो सकता है जैसे:

  • हृदय, मस्तिष्क, गुर्दों और आँखो को नुकसान पहुँच सकता है
  • दिल में दर्द उठने (एनजाइना), दिल का दौरा पडने (हार्ट अटैक) या दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है
  • मस्तिषक तक खून और ऑक्सीजन पहुँचानीवाली धमनियाँ हाई ब्लड प्रेशर के कारण फट सकती हैं और इससे आपको स्ट्रोक हो सकता है। इस तरह लकवा मारने से बोलने में और चलने-फिरने में गंभीर तकलीफ हो सकती है। कुछ मामलों में तो स़्ट्रोक जानलेवा भी साबित हो सकता है
  • जिन वयस्कों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है उनके गुर्दे फेल हो सकते हैं या उन्हें गंभीर किड्नी रोग हो सकता है

 

हाई ब्लड प्रेशर की रोकथाम या इलाज के क्या उपाय हैं?

जीवनशैली में कुछ बुनियादी बदलाव करने से कई लोग अकसर अपने हाई ब्लड प्रेशर पर काबू पा लेते हैं। दवा के बिना हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के 10 तरीके यहां पढ़े| अपने डॉक्टर से बात करके आगे बताए गए कदम उठाने की कोशिश करें:

ऐसा भी हो सकता है कि इन सभी बदलावों के साथ-साथ आपको हाई ब्लड प्रेशर के लिए दवा खानी पड़े।

हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। हमारी यही गुज़ारिश है कि आप हाई ब्लड प्रेशर से बचने का हर संभव प्रयास करें। समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जाँच करें और अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई रहता है, तो कृपया जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लें। ऐसा करने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी इत्यादी से बच सकते हैं। सबसे अहम बात – सक्रिय रहें, स्वस्थ रहें!